-: { थोड़ा फासला रखना } :-
कभी वक़्त मिले तो , मेरे लिए भी कुछ वक़्त रखना,
डर नही रुसवाइयों का, वफ़ा और जफ़ा एक ही मिज़ान में रखना ,,
बहुत सी नज़रों के तीर , उड़ते हैं खुले आसमान में ,
तुम अपना लक्ष्य बस , अपने मुकाम पे रखना ,,
सब दिल में ज़हर लिए , फिरते हैं आज कल ,
किसी से अगर हाँथ मिलाओ, तो दिल में थोड़ा फासला रखना,,
हर तरफ़ फ़िज़ा में जाने क्यों, धुंआ धुंआ सा मंज़र हैं ,
तुम अपने साथ विस्वास का, दिया जला के रखना ,,
ना-शनासा बहुत मिलेंगे , तुम्हे तवील रास्ते के सफर में,
बस उस गली में , आवाज़-ए- पा चुप चाप रखना ,,
आज क़ामयाबी साथ नही दे रही , तो क्या हुआ एक रोज़ ,
तरक़्क़ी आसमा छुएगी , तुम अपने उम्मीदों का दरे-वा रखना,,
नही अच्छा लगता हैं मुझे अब, अपना कोई भी नाम ,
जो नाम तुमने दिया हैं , वही नाम सारी उम्र याद रखना ,,