थरमस
ये जादू नहीं विज्ञान है,
नए दौर का ज्ञान है।
रंग- रूप बोतल सा,
थरमस इसका नाम है।
गरम को गरम रखना,
थरमस का काम है।
दूध रख लो या चाय,
ले जाना आसान है।
चन्द सैकड़े में मिलता,
ज्यादा नहीं दाम है।
सस्ता हो करके भी,
इसकी अपनी शान है।
ठण्डा को ठण्डा रखता,
ये महिमा भी महान है।
स्वच्छता और तरोताजा,
ये थरमस का पैगाम है।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
भारत भूषण सम्मान प्राप्त
हरफनमौला साहित्य लेखक।