Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2022 · 1 min read

तौबा

ग़लती सुधारने का
एक मौक़ा दे दे!
बिगड़ी संवारने का
एक मौक़ा दे दे!!
आख़िर तू ख़ुदा है
और हम तेरे बंदे!
ख़ुद को पुकारने का
एक मौक़ा दे दे!!
Shekhar Chandra Mitra
#prayers #दुआ #प्रार्थना #confession

Language: Hindi
137 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

Pyasa ke gajal
Pyasa ke gajal
Vijay kumar Pandey
" आपने "
Dr. Kishan tandon kranti
एक रिश्ता शुरू हुआ और तेरी मेरी कहानी बनी
एक रिश्ता शुरू हुआ और तेरी मेरी कहानी बनी
Rekha khichi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
शून्य
शून्य
Roopali Sharma
#कुछ_भी_कहीं_भी_मतलब_बेमानी
#कुछ_भी_कहीं_भी_मतलब_बेमानी
*प्रणय*
एक तरफे इश्क़ के आदि लोग,
एक तरफे इश्क़ के आदि लोग,
ओसमणी साहू 'ओश'
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
Dr. Man Mohan Krishna
*चाल*
*चाल*
Harminder Kaur
55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
sushil yadav
ईश्वर कहो या खुदा
ईश्वर कहो या खुदा
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
इश्क़ और इंकलाब
इश्क़ और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
तुम कहती हो की मुझसे बात नही करना।
तुम कहती हो की मुझसे बात नही करना।
Ashwini sharma
8) वो मैं ही थी....
8) वो मैं ही थी....
नेहा शर्मा 'नेह'
* बाल विवाह मुक्त भारत *
* बाल विवाह मुक्त भारत *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चलो हम दोनों हमसफर बन जाते हैं
चलो हम दोनों हमसफर बन जाते हैं
Jyoti Roshni
Let us converse with ourselves a new this day,
Let us converse with ourselves a new this day,
अमित
FUSION
FUSION
पूर्वार्थ
खुला आसमान
खुला आसमान
Surinder blackpen
मैं ना जाने क्या कर रहा...!
मैं ना जाने क्या कर रहा...!
भवेश
मैं कविता नहीं लिखती
मैं कविता नहीं लिखती
Priya Maithil
धुएं के जद में समाया सारा शहर पूछता है,
धुएं के जद में समाया सारा शहर पूछता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नदियां बहती जा रही थी
नदियां बहती जा रही थी
Indu Singh
अगर वास्तव में हम अपने सामर्थ्य के अनुसार कार्य करें,तो दूसर
अगर वास्तव में हम अपने सामर्थ्य के अनुसार कार्य करें,तो दूसर
Paras Nath Jha
ख़ामोश हर ज़ुबाँ पर
ख़ामोश हर ज़ुबाँ पर
Dr fauzia Naseem shad
सब गुण संपन्य छी मुदा बहिर बनि अपने तालें नचैत छी  !
सब गुण संपन्य छी मुदा बहिर बनि अपने तालें नचैत छी !
DrLakshman Jha Parimal
तेरी आमद में पूरी जिंदगी तवाफ करु ।
तेरी आमद में पूरी जिंदगी तवाफ करु ।
Phool gufran
एक कहानी लिख डाली.....✍️
एक कहानी लिख डाली.....✍️
singh kunwar sarvendra vikram
सत री संगत
सत री संगत
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Loading...