Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Mar 2021 · 1 min read

तो बात होती

दाइम रहेंं उजाले न रात हो तो बात होती
गुलजारे हस्ती न कभी उजड़े तो बात होती
कजा की बख्शी जिंदगी तो जीते हैं सभी
कजा से छीनकर दो पल जियो तो बात होती
शहीदे हस्ती को लेकर ये मौत जाती कहाँ
लहद से उठकर इसका पीछा करो तो बात होती
फिराके गम मे तो ये जिंदगी हुई बादाख्वार
वहाँ की राह में भी गर मैकदे हों तो बात होती
M.T.”Ayen”

1 Like · 4 Comments · 448 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2953.*पूर्णिका*
2953.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हनुमंत लाल बैठे चरणों में देखें प्रभु की प्रभुताई।
हनुमंत लाल बैठे चरणों में देखें प्रभु की प्रभुताई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
" लो आ गया फिर से बसंत "
Chunnu Lal Gupta
महापुरुषों की सीख
महापुरुषों की सीख
Dr. Pradeep Kumar Sharma
होगी तुमको बहुत मुश्किल
होगी तुमको बहुत मुश्किल
gurudeenverma198
पीकर भंग जालिम खाई के पान,
पीकर भंग जालिम खाई के पान,
डी. के. निवातिया
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि का रचना संसार।
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि का रचना संसार।
Dr. Narendra Valmiki
डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे लड़ा प्रथम चुनाव
डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे लड़ा प्रथम चुनाव
कवि रमेशराज
चौपाई छंद में मान्य 16 मात्रा वाले दस छंद {सूक्ष्म अंतर से
चौपाई छंद में मान्य 16 मात्रा वाले दस छंद {सूक्ष्म अंतर से
Subhash Singhai
 मैं गोलोक का वासी कृष्ण
 मैं गोलोक का वासी कृष्ण
Pooja Singh
ऐसे ही मुक़्क़मल करो अपने सारे ख्वाब✌🏻✌🏻
ऐसे ही मुक़्क़मल करो अपने सारे ख्वाब✌🏻✌🏻
Vaishaligoel
"सुबह की चाय"
Pushpraj Anant
नैतिकता ज़रूरत है वक़्त की
नैतिकता ज़रूरत है वक़्त की
Dr fauzia Naseem shad
परो को खोल उड़ने को कहा था तुमसे
परो को खोल उड़ने को कहा था तुमसे
ruby kumari
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
भारत माता की वंदना
भारत माता की वंदना
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कान में रखना
कान में रखना
Kanchan verma
बलिदान
बलिदान
लक्ष्मी सिंह
एक मैं हूँ, जो प्रेम-वियोग में टूट चुका हूँ 💔
एक मैं हूँ, जो प्रेम-वियोग में टूट चुका हूँ 💔
The_dk_poetry
#सन्डे_इज_फण्डे
#सन्डे_इज_फण्डे
*Author प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल/नज़्म - उसके सारे जज़्बात मद्देनजर रखे
ग़ज़ल/नज़्म - उसके सारे जज़्बात मद्देनजर रखे
अनिल कुमार
Just try
Just try
पूर्वार्थ
You call out
You call out
Bidyadhar Mantry
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
अश्लील साहित्य
अश्लील साहित्य
Sanjay ' शून्य'
प्रेम
प्रेम
Pratibha Pandey
*सारा हिंदुस्तान है, मोदी का परिवार (कुंडलिया)*
*सारा हिंदुस्तान है, मोदी का परिवार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मेरा विचार ही व्यक्तित्व है..
मेरा विचार ही व्यक्तित्व है..
Jp yathesht
चुनाव
चुनाव
Mukesh Kumar Sonkar
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
Rj Anand Prajapati
Loading...