तोड़ो चक्रव्यूह
**********तोड़ो चक्रव्यूह************
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धर्म ,जाति ,क्षैत्र भेदभाव का तोड़ो चक्रव्यूह
आओ मिलजुलकर बनाएं इंसानी जन समूह
खामख्वाह की कृति में क्यों ऊर्जा करें व्यर्थं
ऊर्जा संचारित कर मानव जन बनाएं समर्थ
रोज – रोज प्रतिरोध से बढ़ रहा है मनमुटाव
सामाजिक दुरी बढ़ी ,मानव मूल्यों में कटाव
किसी के भी मूल पर मत करिए तुम कटाक्ष
मान – सम्मान सदैव कीजिए बन वृक्ष रुद्राक्ष
भाईचारे की भावना का पग पग करें विकास
संस्कृति-संस्कार बचाव का करें अथक प्रयास
भावी कुल पीढिय़ों को देना है यह परम संदेश
देश की एकता अखण्डता सर्वोत्तम रहे हमेश
सुखविंद्र की याचना करो समाज सुधार प्रयास
कौमी जहर मत फैलाएं,हो जाएगा सर्वत्र नाश
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)