तेरे संग दिन तेरे संग ही रात हो
तेरे संग दिन तेरे संग ही रात हो
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तेरे संग दिन तेरे संग ही रात हो,
खुशियों भरी मिलती सौगात हो।
खुदा करे गम ना छू पाए दामन,
रहमत की सदा ही बरसात हो।
फूलों से भरी हो कायनात नगरी,
तेरी मेरी उपवन मे मुलाक़ात हो।
पल दो पल ही सही हो तो सही,
प्यार भरी मनुहार कोई बात हो।
चांदनी रात मे अकेला मनसीरत,
नींद जब खुले रंगदार प्रभात हो।
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सुखविंद्र सिंह मनसीयत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)