तेरे घर खुशियों की बहार है तो क्या मेरे भी गम हजार है
तेरे घर खुशियों की बहार है
तो क्या मेरे भी गम हजार है
तुम एक बार भी याद ना करो
क्या इसी लिए ईद का त्योहार है ? (अवनीश कुमार )
तेरे घर खुशियों की बहार है
तो क्या मेरे भी गम हजार है
तुम एक बार भी याद ना करो
क्या इसी लिए ईद का त्योहार है ? (अवनीश कुमार )