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24 Apr 2018 · 1 min read

तेरे घर की इज्जत

इज्जत को उछाला जा रहा है
जिस्म पर कपड़ा डाला जा रहा है

हम ही है इज्जत तेरे घर की
और हम पर ही कीचड़ डाला जा रहा है

ना जीत होगी ना हार होगी तुम्हारी
बिन बात के घर में विघन डाला जा रहा है

गली में एक दिन हँस क्या दिये कोहराम हो गया
आज मेरी हार बात पर पहरा डाला जा रहा है

किस्से हमने भी सुने है तेरी मोहब्बत के बाजार में
इल्जाम हम पर है और घर किराये पर डाला जा रहा है

राज स्वामी

1 Like · 258 Views
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