तेरे अधर
तेरे अधर,
है किधर,
देखू उधर,
है जिधर,
सांसे है फूली,
सुधबुध तू भूली,
पलके तेरी खुली,
तू मुझमे है घुली,
छाेड़ाे यह सपना,
बना लाे मुझे अपना,
अब नही है रुकना,
तू ही है मेरी अर्चना,
बरसाे से है यह चाहत,
अब न कर यूं आहत,
मुझकाे न समझ आफत,
बदल ले अपनी आदत,
।।जेपीएल।।