तेरी अदाओ के आसमान पर,
तेरी अदाओ के आसमान पर,
मेरी ग़ज़लो का एक मुकाम है,
तेरी अदा है फूलों जैसी ,
मेरी ग़ज़ल भी छलकता जाम है,
यु तो हूँ मैं शायर हसीनो का,
दिल पे मगर तेरा ही नाम है,
तेरी बातों को ,मैं किताबों में लिखता हूँ
लोग कहते है ,क्या ताज़ा कलाम है,
तेरी अदाओं को क्या लिखूं ,
बस तेरे हुस्न को “साहिब” का सलाम है,