तेरा बहुत बहुत शुक्रिया ए जिंदगी !
तेरे इस प्यार पर हमें प्यार आया,
ए जिंदगी!हमें तुझपर एतबार आया।
जितना भी मिला तुझसे बहुत मिला,
जितनी हैसियत थी उत्तम ही पाया।
गम और खुशी का पैमाना बराबर रहा,
जो इस दिल में समा सकता था समाया।
इस तकदीर ने ता उम्र बहुत भटकाया,
शुक्र है अब मंजिल का निशा दिखाया।
रकीब जायदा थे तो रफीक भी कम नहीं ,
ज़ख्मों के साथ मलहम भी दिलवाया।
बस ! दो अरमान है हमारे गर पूरा कर दे,
एक खुदा दूजे अपनो का बना रहे साया।
और एक ही चाहत है कलम ये चलती रहे,
अपने एहसासों को”अनु” लफ्जों में पिरोती रहे,
जो भी जज्बातों के सागर में है गहराया।