तू ने आवाज दी मुझको आना पड़ा
तू ने आवाज दी मुझको आना पड़ा
तेरी खातिर ये रिश्ता निभाना पड़ा
मुझको तेरी खुशी से बड़ा कुछ नही
मुझको बीते पलों को भुलाना पड़ा
कृष्णकांत गुर्जर
तू ने आवाज दी मुझको आना पड़ा
तेरी खातिर ये रिश्ता निभाना पड़ा
मुझको तेरी खुशी से बड़ा कुछ नही
मुझको बीते पलों को भुलाना पड़ा
कृष्णकांत गुर्जर