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4 Apr 2024 · 1 min read

“तू-तू मैं-मैं”

“तू-तू मैं-मैं”
तू-तू, मैं-मैं हो रही
हर मन में बस रहे ‘हूँ’
समझ न रहे कोई भी
बेकार है ये ‘बू’
मर मिटने को तैयार सब
बस जरा-जरा में
लौट आओ कबीरा फिर से
अब इस धरा में।

4 Likes · 4 Comments · 135 Views
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