तू ठहर जा मेरे पास, सिर्फ आज की रात
तू ठहर जा मेरे पास, सिर्फ आज की रात।
करनी है दिल की बातें तुमसे, आज की रात।।
तू ठहर जा मेरे पास ———————।।
वक़्त नहीं है किसी से वफ़ा, कल को क्या होगा।
यादगार बनानी है मुलाकात, मुझे आज की रात।।
तू ठहर जा मेरे पास ———————।।
कितनी मोहब्बत है तुमसे, उम्मीदें क्या है तुमसे।
करने है ख्वाब हसीन पूरे, मेरे मुझे आज की रात।।
तू ठहर जा मेरे पास ———————।।
मुझको समझ तू वफ़ा, चिलमन हटा तू चेहरे से।
सांसों में बसाने दो तुमको, मुझे आज की रात।।
तू ठहर जा मेरे पास ———————।।
जलाना है एक चिराग आज, लगाना है एक चमन।
सौंपनी है अपनी वसीयत तुमको,मुझे आज की रात।।
तू ठहर जा मेरे पास ———————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)