तुम हो उस पार के
कर रहे जो खुशामद खरीदार के
राज कैसे बताएँगे बाजार के
बात मेरी तुम्हीं ने सरेआम की
मत कहो कान होते हैं दीवार के
नफरतों ने जहाँ हमको रुसवा किया
दीप हमने जलाए वहाँ प्यार के
यूँ अहंकार करना बुरी बात है
हो के तनहा रहोगे बिना यार के
एक दिन तुम भी आओगे श्मशान मे
हम खड़े हैं यहीं पर कफन धार के
आदमी कोई छोटा न कोई बड़ा
ये सभी चोचले तो हैं संसार के
बीच में है लहर बोलो कैसे मिलें
हम हैं इस पार के तुम हो उस पार के