तुम ही हो
मेरी तन्हाइयों का राज तुम हो ।
मेरा कल तुम हो मेरा आज तुम हो।
जब जब तुझको ढूंढा, पाया अपने दिल में ।
जालिम दुनिया ने मिलने ना दिया हमको भरी महफिल में ।
गलती मेरी ही होगी इसमें तेरी कोई खता नहीं ।
क्यों चाहा तुझको खुद से ज्यादा ये मुझको पता नहीं ।
वो डरकर जमाने से बोली की भुला दे मुझे ।
हर धड़कन में तू है क्या करें बता दे मुझे ।