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19 Jan 2024 · 1 min read

“तुम भी काश चले आते”

“तुम भी काश चले आते”
इस बे-मौसम बरसात सा
तुम भी काश चले आते,
रूहें भी पुलकित हो जाती
तुम जो पास चले आते।
इस बेकरार मन को मेरा
कुछ तो सुकून मिल जाता,
कोई घनघोर घटा सी तुम
जो हरने प्यास चले आते।

7 Likes · 6 Comments · 166 Views
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