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10 Mar 2022 · 1 min read

तुम्हीं बताओ मैं क्या लिखूं

हृदय पट में अरमान तो बहुत आए
पर कागज पर उतर ना पाए
भाव मन में लहरों की तरह हिलोरे खाए
बनते बनते शब्द चित से फिर मिट जाए
इस असमंजस में तुम्हीं बताओ मैं क्या लिखूं…..

कभी कभी मन को भी कुछ सूझ ना आए
कभी पागल तो कभी दीवाना बन जाए
मैं क्या बताऊं किस उलझन में है मेरा दिल
इस उलझन में तुम्हीं बताओ मैं क्या लिखूं…..

मन मस्ति्क में उथल पुथल मचा जाए
मन विचारों में ही ख्वाब टूटा जाए
इस उथल पुथल की मनोदशा में
तुम्हीं बताओ मैं क्या लिखूं…
– कृष्ण सिंह

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 298 Views
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