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8 May 2024 · 1 min read

किसी राह पे मिल भी जाओ मुसाफ़िर बन के,

किसी राह पे मिल भी जाओ मुसाफ़िर बन के,
क्या पता क़िस्मत में हमसफ़र बनना भी लिखा हो

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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