“तुम्हारे रहने से”
“तुम्हारे रहने से”
तुम्हारे रहने से
जिन्दादिली आबाद रही
सलामत बरसात रही
कश्तियाँ चलती रही
हर चाहत मचलती रही।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
“तुम्हारे रहने से”
तुम्हारे रहने से
जिन्दादिली आबाद रही
सलामत बरसात रही
कश्तियाँ चलती रही
हर चाहत मचलती रही।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति