“तुम्हारे रहने से”
“तुम्हारे रहने से”
तुम्हारे रहने से
गाए जाते रहे प्रेम-गीत
खत्म हुए ढेरों कुरीत
भले ही रहे निःशब्द
मगर मरे नहीं शब्द..।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
“तुम्हारे रहने से”
तुम्हारे रहने से
गाए जाते रहे प्रेम-गीत
खत्म हुए ढेरों कुरीत
भले ही रहे निःशब्द
मगर मरे नहीं शब्द..।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति