Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2022 · 1 min read

तुम्हारी महफ़िल में जब भी आएं।

गज़ल

121…….22……121……22
तुम्हारी महफ़िल में जब भी आएं।
तुम्हें ही ढूंढे ………..मेरी निगाहें।

तुम्हीं नहीं हर नज़र है मुझ पर,
खुदाया कातिल… गज़ब अदाएं।

हमारे नैना …………बरस रहे हैं,
तुम्हारी यादें ……भिगो के जाएं।

मेरी ये दुनियां ……….तेरे हवाले,
चाहे मिटा दें ……….चाहे बनाएं।

यही दुआ है खुदा……… से मेरी,
जभी मिलें हम तुम्हीं ….को पाएं।

खुदाया तेरा ……..करम हो ऐसा,
हंसे ये दुनियां …..खिलें फिजाएं।
छत
सदा रहेंगे ………….तुम्हारे प्रेमी,
मिलें सभी……… प्रेम गीत गाएं।

……..✍️ प्रेमी

1 Like · 157 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3099.*पूर्णिका*
3099.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मसीहा उतर आया है मीनारों पर
मसीहा उतर आया है मीनारों पर
Maroof aalam
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
संसार एक जाल
संसार एक जाल
Mukesh Kumar Sonkar
ख्वाबो में मेरे इस तरह आया न करो
ख्वाबो में मेरे इस तरह आया न करो
Ram Krishan Rastogi
..........?
..........?
शेखर सिंह
खंड काव्य लिखने के महारथी तो हो सकते हैं,
खंड काव्य लिखने के महारथी तो हो सकते हैं,
DrLakshman Jha Parimal
वर्तमान गठबंधन राजनीति के समीकरण - एक मंथन
वर्तमान गठबंधन राजनीति के समीकरण - एक मंथन
Shyam Sundar Subramanian
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
सिद्धार्थ गोरखपुरी
चुप्पी और गुस्से का वर्णभेद / MUSAFIR BAITHA
चुप्पी और गुस्से का वर्णभेद / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
उतना ही उठ जाता है
उतना ही उठ जाता है
Dr fauzia Naseem shad
महाराणा सांगा
महाराणा सांगा
Ajay Shekhavat
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
Shashi Dhar Kumar
आम आदमी की दास्ताँ
आम आदमी की दास्ताँ
Dr. Man Mohan Krishna
मेरा कल! कैसा है रे तू
मेरा कल! कैसा है रे तू
Arun Prasad
ये दूरियां सिर्फ मैंने कहाँ बनायी थी //
ये दूरियां सिर्फ मैंने कहाँ बनायी थी //
गुप्तरत्न
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
Deepak Baweja
लम्हों की तितलियाँ
लम्हों की तितलियाँ
Karishma Shah
*गाता गाथा राम की, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
*गाता गाथा राम की, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
चंदा मामा सुनो मेरी बात 🙏
चंदा मामा सुनो मेरी बात 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
रोटी की ख़ातिर जीना जी
रोटी की ख़ातिर जीना जी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अफवाह एक ऐसा धुआं है को बिना किसी आग के उठता है।
अफवाह एक ऐसा धुआं है को बिना किसी आग के उठता है।
Rj Anand Prajapati
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Remembering that winter Night
Remembering that winter Night
Bidyadhar Mantry
#अपील_सब_से
#अपील_सब_से
*Author प्रणय प्रभात*
चिकने घड़े
चिकने घड़े
ओनिका सेतिया 'अनु '
साकार नहीं होता है
साकार नहीं होता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
जीना सीख लिया
जीना सीख लिया
Anju ( Ojhal )
शेष
शेष
Dr.Priya Soni Khare
Loading...