तुम्हारा ही सहारा (मुक्तक)
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इनायत है हरी तेरा, सभी से प्यार मिलता है।
तुम्हारे ही भरोसे पर, सकल संसार चलता है।
सदा आशीष देना तुम, सभी में प्रेम हो पूरित-
तुम्हारे ही भरोसे से, ईश हर आस फलता है।।
✍️पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
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इनायत है हरी तेरा, सभी से प्यार मिलता है।
तुम्हारे ही भरोसे पर, सकल संसार चलता है।
सदा आशीष देना तुम, सभी में प्रेम हो पूरित-
तुम्हारे ही भरोसे से, ईश हर आस फलता है।।
✍️पं.संजीव शुक्ल “सचिन”