तुम्हारा साथ
वो सारी शरारतें, वो अठखेलियाँ सब
मेरे सजन फिर मुझे वापस दे दो
मेरे तेरे अधरों की खोई मुस्कानें
प्रियवर मेरे खोजकर लाके दे दो
न हो कोई संग में हम दो ही है काफी
मैं बनूँ तेरी सरिता तू हो मेरा साकी ।
वो बेबाक बातें वो लड़ना झगड़ना
कहाँ खो गया सब जरा ढूंढ़ लाओ ।
वो निवाले खिलाना दे थपकी सुलाना
वो नज़र प्यार की ढूंढ के वापस लाओ ।
जाने कहाँ पर जा छुपे शब्द सारे
अनगिनत चुप्पियाँ हैं इन अधरों में छाईं
कशमकश से संवेदनाएं छटपटाती
घुटन में है रिश्ता दवा ला के दे दो ।