तुमसे प्यार का इज़हार ना किया तो अच्छा हुआ।
तुमसे प्यार का इज़हार ना किया तो अच्छा हुआ।
तुमसे प्यार का इज़हार ना किया तो अच्छा हुआ।
ताउम्र तुम्हारे इंतज़ार का मज़ा कुछ और है।।
दिल में ख्वाहिश तो थी कि जी भर के दीदार हो जाए।
मगर सपने में रोज मिलने का मज़ा कुछ और है।।
बहुत खत लिखे थे भर भर के दिल के जज़्बात।
उन ख़तो को खुद ही रोज पढ़ने का मज़ा कुछ और है।।
रहने दो इस रिश्ते को दिल के करीब।
कुछ रिश्तों के अधूरेपन में ही मज़ा कुछ और है।।