तुमको शक़ है मेरे अस्तित्व पर…
तुमको शक़ है मेरे
अस्तित्व पर,
मेरे वर्तमान पर मेरे
भविष्य पर,
शंसय को यथार्थ
मिल जायेंगा
हर संभव था तेरे
आशिष पर।।।
जो दहलीज पर
पड़ा है
बेशक ठुकरा दो
आज तुम,
कल ऑखें छलक
आयेंगी,
तेरे इस जलते हुए
इश्क़ पर…
मैं तो एक कतरा हूँ
हवाओ का,
तुफान बन कर गुजर
जाऊँगा…
यकीन तुम ही थे मेरे
नसीब का,
उठा लो उंगलियां
मेरे चरित्र पर।
तुमको शक़ है मेरे
अस्तित्व पर,
मेरे वर्तमान पर मेरे
भविष्य पर।
-के के राजीव