तुझे चाहूँगा इतना मैं
मीटर-1222-2222,2222-2122-2
तेरी आँखों के आँसू ये,अपनी पलकों में सजा लूँगा।
तुझे चाहूँगा इतना मैं,इस दिल की धड़कन बना लूँगा।।
कभी चाहत के सागर में,दिल की क़श्ती तो उतारो तुम।
कभी आँखों के दर्पण में,सजके हक से ही निहारो तुम।
छिपाके दिल के मंदिर में,देवी पूजा की बना लूँगा।
तुझे चाहूँगा इतना मैं,इस दिल की धड़कन बना लूँगा।।
ख़ता गर दिल ने की है तो,दिल ही सज़दा भी करेगा ये।
सफ़र ये मोहब्बत का है,दिल है बहका भी करेगा ये।
अदा हर यौवन की है ये,मस्ती का आलम बना लूँगा।
तुझे चाहूँगा इतना मैं,इस दिल की धड़कन बना लूँगा।।
वफ़ा फूलों का गुलशन है,ये यादों का एक चिल्मन भी।
वफ़ा गीतों की सरग़म है,ये है ग़ज़लों का खरापन भी।
तुझे कविता कहता गर मैं,खुद को भी इक कवि बना लूँगा।
तुझे चाहूँगा इतना मैं,इस दिल की धड़कन बना लूँगा।।
तेरी आँखों के आँसू ये,अपनी पलकों में सजा लूँगा।
तुझे चाहूँगा इतना मैं,इस दिल की धड़कन बना लूँगा।।
राधेयश्याम बंगालिया “प्रीतम”
————————————