Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2023 · 1 min read

तुझसा कोई प्यारा नहीं

मधुर मीठी मुस्कान तुम्हारी, तुझसा कोई प्यारा नहीं
इस बेगानी दुनियां में कान्हा तुमसे कोई न्यारा नहीं

जब -जब पीड़ उठे हृदय में, तूमने ही संभाला है
इस जग में सबसे बड़ा, तुझसा कोई सहारा नहीं

समय कभी ऐसा ना आये, इक छन्न में भी तुम न हो
हृदय में बस तुझको बिठाया, दिल से कभी उतारा नहीं

शक्ति भी तुम भक्ति भी तुम, तुम ही सारा संसार हो
समय कभी ऐसा ना गुजरा,जिस पल तुझको पुकारा नहीं

प्रेम ,भरोसा ‘,ममता’और विश्वास, तुझमें ही समाहित है
करले जो विश्वास तेरे पे, वो कभी भी जग से हारा नहीं।

ममता रानी
झारखंड

2 Likes · 367 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Rani
View all
You may also like:
अ ज़िन्दगी तू ही बता..!!
अ ज़िन्दगी तू ही बता..!!
Rachana
जिन्दगी का मामला।
जिन्दगी का मामला।
Taj Mohammad
आहवान
आहवान
नेताम आर सी
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बुरे लोग अच्छे क्यों नहीं बन जाते
बुरे लोग अच्छे क्यों नहीं बन जाते
Sonam Puneet Dubey
मुझे भी बतला दो कोई जरा लकीरों को पढ़ने वालों
मुझे भी बतला दो कोई जरा लकीरों को पढ़ने वालों
VINOD CHAUHAN
कविता: मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
कविता: मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
Rajesh Kumar Arjun
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
Use your money to:
Use your money to:
पूर्वार्थ
कर सत्य की खोज
कर सत्य की खोज
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
3043.*पूर्णिका*
3043.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वो आरज़ू वो इशारे कहाॅं समझते हैं
वो आरज़ू वो इशारे कहाॅं समझते हैं
Monika Arora
“कभी मन करे तो कुछ लिख देना चाहिए
“कभी मन करे तो कुछ लिख देना चाहिए
Neeraj kumar Soni
*** अहसास...!!! ***
*** अहसास...!!! ***
VEDANTA PATEL
बस्ते...!
बस्ते...!
Neelam Sharma
ऐसा बेजान था रिश्ता कि साँस लेता रहा
ऐसा बेजान था रिश्ता कि साँस लेता रहा
Shweta Soni
ଆମ ଘରର ଅଗଣା
ଆମ ଘରର ଅଗଣା
Bidyadhar Mantry
बेहतरीन इंसान वो है
बेहतरीन इंसान वो है
शेखर सिंह
प्राथमिक -विकल्प
प्राथमिक -विकल्प
Dr fauzia Naseem shad
कान्हा तेरी मुरली है जादूभरी
कान्हा तेरी मुरली है जादूभरी
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
पीर
पीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
" अल्फाज "
Dr. Kishan tandon kranti
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
सात जनम की गाँठ का,
सात जनम की गाँठ का,
sushil sarna
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
संजय कुमार संजू
इंसान उसी वक़्त लगभग हार जाता है,
इंसान उसी वक़्त लगभग हार जाता है,
Ajit Kumar "Karn"
*पिता का प्यार*
*पिता का प्यार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हिन्दी भारत का उजियारा है
हिन्दी भारत का उजियारा है
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
गौतम बुद्ध के विचार
गौतम बुद्ध के विचार
Seema Garg
हुलिये के तारीफ़ात से क्या फ़ायदा ?
हुलिये के तारीफ़ात से क्या फ़ायदा ?
ओसमणी साहू 'ओश'
Loading...