~~तीन~~
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*हे नवयुवक न करो तीन पर अभिमान
धन, बल, सुंदरता॥
हे नवयुवक न करो तीन पर विलाप
कल, आज, काल॥
हे नवयुवक न करो तीन पर अत्याचार
निर्बल, लाचार, गरीब॥
हे नवयुवक न छोड़ो तीन का स्नेह
पिता ,मित्र, माँ॥
हे नवयुवक न रहो तीन के अभाव में
रोटी,कपड़ा, मकान॥
हे नवयुवक न खो तीन का ज्ञान
गुरू, प्रभु, आत्मा॥
हे नवयुवक न खो तीन का सुकून
सुख,शांति,सम्मान॥
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रचनाकार – 😇 डॉ० वैशाली ✍🏻