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18 Jul 2021 · 1 min read

तालिबान की वापसी

मासूमियत चढ़ती सूली
इंसानियत रोती है!
जब भी कहीं मज़हब की
ताजपोशी होती है!!
ऐसे ज़ुल्मत के हर दौर में
एक शायर की कलम
अपनी बेबाकी के कारण
सरफ़रोशी होती है!
Shekhar Chandra Mitra
#freedomofspeech
#TalibanReturns
#दानिशसिद्दिकी

Language: Hindi
2 Likes · 378 Views
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