ताजा भोजन जो मिला, समझो है वरदान (कुंडलिया)
ताजा भोजन जो मिला, समझो है वरदान (कुंडलिया)
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
ताजा भोजन जो मिला ,समझो है वरदान
मिलना इसका भाग्य में, होता क्या आसान
होता क्या आसान , रखा बासी सब खाते
डिब्बा लेकर साथ , काम पर चलकर जाते
कहते रवि कविराय ,वही किस्मत का राजा
घर पर रोटी रोज , गर्म जो खाता ताजा
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 5451