ताकत
माना कि तू ताकतवर है
पर इतना क्यू इतराता है
महाविनाश का खेल खेलता
लोगों की आह बटोरता है
दंभ है अपनी ताकत का
पर अबोधों को मारता है
कसूर क्या है जनता का
जो अपनी ताकत दिखाता है
माना कि तू ताकतवर है
पर इतना क्यू इतराता है
महाविनाश का खेल खेलता
लोगों की आह बटोरता है
दंभ है अपनी ताकत का
पर अबोधों को मारता है
कसूर क्या है जनता का
जो अपनी ताकत दिखाता है