Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2024 · 1 min read

तलाशता हूँ उस “प्रणय यात्रा” के निशाँ

बेखयाली में अभी भी सागर की उस नरम रेत पर
आज भी जाता ही हूँ तलाशने
तुम्हारे पैरों के निशाँ
सालों पहले जिन्हे बस अठखलियों में ही
अल्हड़ लहरों ने मिटा डाला था

प्रण यही था – ना वापस आऊंगा कभी
पर ये पैरों में रेत जो थे फँस गए
नुकीली यादों की तरह

हर शाम सम्मोहित कर हमें
ले आती हैं यहीं
ना जाने कब के मिट चुके
उस “प्रणय यात्रा” के निशाँ ढूंढते ढूंढते

Language: Hindi
96 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Atul "Krishn"
View all
You may also like:
माँ
माँ
Dr.Pratibha Prakash
3637.💐 *पूर्णिका* 💐
3637.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
..
..
*प्रणय*
जिंदगी हमको हँसाती रात दिन
जिंदगी हमको हँसाती रात दिन
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
Tu chahe to mai muskurau
Tu chahe to mai muskurau
HEBA
मंदिर की नींव रखी, मुखिया अयोध्या धाम।
मंदिर की नींव रखी, मुखिया अयोध्या धाम।
विजय कुमार नामदेव
दिल तो ठहरा बावरा, क्या जाने परिणाम।
दिल तो ठहरा बावरा, क्या जाने परिणाम।
Suryakant Dwivedi
*हम विफल लोग है*
*हम विफल लोग है*
पूर्वार्थ
संसार में
संसार में
Brijpal Singh
व्याकरण पढ़े,
व्याकरण पढ़े,
Dr. Vaishali Verma
कैसी हसरतें हैं तुम्हारी जरा देखो तो सही
कैसी हसरतें हैं तुम्हारी जरा देखो तो सही
VINOD CHAUHAN
राम नाम की प्रीत में, राम नाम जो गाए।
राम नाम की प्रीत में, राम नाम जो गाए।
manjula chauhan
🇭🇺 झाँसी की वीरांगना
🇭🇺 झाँसी की वीरांगना
Pt. Brajesh Kumar Nayak
साथ था
साथ था
SHAMA PARVEEN
नसीब की चारदीवारी में कैद,
नसीब की चारदीवारी में कैद,
हिमांशु Kulshrestha
मारी - मारी फिर रही ,अब तक थी बेकार (कुंडलिया)
मारी - मारी फिर रही ,अब तक थी बेकार (कुंडलिया)
Ravi Prakash
**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वो मुझे रूठने नही देती।
वो मुझे रूठने नही देती।
Rajendra Kushwaha
"Let us harness the power of unity, innovation, and compassi
Rahul Singh
अब बदला किस किस से लू जनाब
अब बदला किस किस से लू जनाब
Umender kumar
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Kanchan verma
മണം.
മണം.
Heera S
जिन्दगी के कुछ लम्हें अनमोल बन जाते हैं,
जिन्दगी के कुछ लम्हें अनमोल बन जाते हैं,
शेखर सिंह
रहता  है  जिसका  जैसा  व्यवहार,
रहता है जिसका जैसा व्यवहार,
Ajit Kumar "Karn"
" ज्ञान "
Dr. Kishan tandon kranti
कारगिल विजयदिवस मना रहे हैं
कारगिल विजयदिवस मना रहे हैं
Sonam Puneet Dubey
मीठी वाणी
मीठी वाणी
Kavita Chouhan
और भी हैं !!
और भी हैं !!
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
मर्यादा की लड़ाई
मर्यादा की लड़ाई
Dr.Archannaa Mishraa
10) “वसीयत”
10) “वसीयत”
Sapna Arora
Loading...