Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2024 · 1 min read

तलाशता हूँ उस “प्रणय यात्रा” के निशाँ

बेखयाली में अभी भी सागर की उस नरम रेत पर
आज भी जाता ही हूँ तलाशने
तुम्हारे पैरों के निशाँ
सालों पहले जिन्हे बस अठखलियों में ही
अल्हड़ लहरों ने मिटा डाला था

प्रण यही था – ना वापस आऊंगा कभी
पर ये पैरों में रेत जो थे फँस गए
नुकीली यादों की तरह

हर शाम सम्मोहित कर हमें
ले आती हैं यहीं
ना जाने कब के मिट चुके
उस “प्रणय यात्रा” के निशाँ ढूंढते ढूंढते

Language: Hindi
107 Views
Books from Atul "Krishn"
View all

You may also like these posts

रमेशराज के बालगीत
रमेशराज के बालगीत
कवि रमेशराज
இவன்தான் மனிதன்!!!
இவன்தான் மனிதன்!!!
Otteri Selvakumar
जा लिख दे आसमान पे
जा लिख दे आसमान पे
Shekhar Chandra Mitra
मेरे जीवन में फूल-फूल,
मेरे जीवन में फूल-फूल,
हिमांशु Kulshrestha
बिखरतो परिवार
बिखरतो परिवार
लक्की सिंह चौहान
मैथिली का प्रभाव असम बंगाल और उड़ीसा विद्यापति और ब्रजबुलि
मैथिली का प्रभाव असम बंगाल और उड़ीसा विद्यापति और ब्रजबुलि
श्रीहर्ष आचार्य
आओ!
आओ!
गुमनाम 'बाबा'
3750.💐 *पूर्णिका* 💐
3750.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जितना आवश्यक स्थापित प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा है, उतनी ही
जितना आवश्यक स्थापित प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा है, उतनी ही
*प्रणय*
परिवर्तन का मार्ग ही सार्थक होगा, प्रतिशोध में तो ऊर्जा कठोर
परिवर्तन का मार्ग ही सार्थक होगा, प्रतिशोध में तो ऊर्जा कठोर
Ravikesh Jha
किरदार भी बदले है नात रिश्तेदार भी बदले है।
किरदार भी बदले है नात रिश्तेदार भी बदले है।
Rj Anand Prajapati
इरशा
इरशा
ओंकार मिश्र
हार नहीं मानूंगा
हार नहीं मानूंगा
पूर्वार्थ
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझको
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझको
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गीत- न देखूँ तो मुझे देखे...
गीत- न देखूँ तो मुझे देखे...
आर.एस. 'प्रीतम'
- बिखरते सपने -
- बिखरते सपने -
bharat gehlot
कैसे मंजर दिखा गया,
कैसे मंजर दिखा गया,
sushil sarna
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत
gurudeenverma198
माना मैं उसके घर नहीं जाता,
माना मैं उसके घर नहीं जाता,
डी. के. निवातिया
हमसफ़र
हमसफ़र
Sudhir srivastava
बंदिशें
बंदिशें
Kumud Srivastava
नशे की दुकान अब कहां ढूंढने जा रहे हो साकी,
नशे की दुकान अब कहां ढूंढने जा रहे हो साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कन्यादान
कन्यादान
Shekhar Deshmukh
ख़िलाफ़ खड़े सिर कुचल दिए, इसान थोड़ी है
ख़िलाफ़ खड़े सिर कुचल दिए, इसान थोड़ी है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
मेरा वजूद क्या
मेरा वजूद क्या
भरत कुमार सोलंकी
****तन्हाई मार गई****
****तन्हाई मार गई****
Kavita Chouhan
"with eyes filled with dreams"
राकेश चौरसिया
*माता हीराबेन (कुंडलिया)*
*माता हीराबेन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वीरांगना अवंती बाई
वीरांगना अवंती बाई
guru saxena
" गिनती "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...