“तब कैसा लगा होगा?”
“तब कैसा लगा होगा?”
जब पहली बार
मानव को मिली होगी आग
कानों ने सुना होगा राग
जला होगा झोपड़ी में चिराग
दिल ने किया होगा अहसास
हुआ होगा किसी से प्यार
देखा होगा सपनों का संसार
बसा होगा उसका घर-बार
किया होगा किसी का इन्तजार