Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Apr 2024 · 1 min read

“तफ्तीश”

“तफ्तीश”
कई बार बहुत लम्बी चलती है
पुलिस की तफ्तीश
जोड़े जाते हैं सूत्र हरेक,
करने पड़ते हैं
सारे आकाश-पाताल एक।

3 Likes · 3 Comments · 91 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

😊आज का नारा😊
😊आज का नारा😊
*प्रणय*
नारी शक्ति
नारी शक्ति
राधेश्याम "रागी"
मर्यादा की लड़ाई
मर्यादा की लड़ाई
Dr.Archannaa Mishraa
सादगी अच्छी है मेरी
सादगी अच्छी है मेरी
VINOD CHAUHAN
"गुजारिश"
Dr. Kishan tandon kranti
रक्षा बंधन पर्व
रक्षा बंधन पर्व
Neeraj kumar Soni
आपके शत्रु आपको क्रोध दिला सकते हैं
आपके शत्रु आपको क्रोध दिला सकते हैं
ruby kumari
अपनी तुलना कभी किसी से मत करना क्योंकि हर फल का स्वाद अलग ही
अपनी तुलना कभी किसी से मत करना क्योंकि हर फल का स्वाद अलग ही
ललकार भारद्वाज
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
राजनीति में फंसा राम
राजनीति में फंसा राम
Dr MusafiR BaithA
वो हमें भूल ही नहीं सकता
वो हमें भूल ही नहीं सकता
Dr fauzia Naseem shad
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही..
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही..
Manisha Manjari
समय आया है पितृपक्ष का, पुण्य स्मरण कर लें।
समय आया है पितृपक्ष का, पुण्य स्मरण कर लें।
surenderpal vaidya
हे आदिशक्ति, हे देव माता, तुम्हीं से जग है जगत तुम्ही हो।।
हे आदिशक्ति, हे देव माता, तुम्हीं से जग है जगत तुम्ही हो।।
Abhishek Soni
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
ग़ज़ल (गहराइयाँ ग़ज़ल में.....)
ग़ज़ल (गहराइयाँ ग़ज़ल में.....)
डॉक्टर रागिनी
एक दिवानी को हुआ, दीवाने  से  प्यार ।
एक दिवानी को हुआ, दीवाने से प्यार ।
sushil sarna
यूं जो देख मुझे अब मुंह घुमा लेती हो
यूं जो देख मुझे अब मुंह घुमा लेती हो
Keshav kishor Kumar
3189.*पूर्णिका*
3189.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बचा  सको तो  बचा  लो किरदारे..इंसा को....
बचा सको तो बचा लो किरदारे..इंसा को....
shabina. Naaz
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
उड़ने लगी गगन में।( काव्य गीत)
उड़ने लगी गगन में।( काव्य गीत)
Priya princess panwar
मन मेरा गाँव गाँव न होना मुझे शहर
मन मेरा गाँव गाँव न होना मुझे शहर
Rekha Drolia
*दूसरा मौका*
*दूसरा मौका*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हवा में खुशबू की तरह
हवा में खुशबू की तरह
Shweta Soni
कबूतर
कबूतर
Vedha Singh
ChatGPT
ChatGPT
पूर्वार्थ
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
कायम रखें उत्साह
कायम रखें उत्साह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
That Spot
That Spot
Tharthing zimik
Loading...