तन बदन रूप यौवन भी ढल जाएगा।
गज़ल
212……..212…….212………212
तन बदन रूप यौवन भी ढल जाएगा।
एक दिन देखना सब बदल जाएगा।
दिल है बच्चा समझता तुम्हें चाँद है,
तुमको पाने को इक दिन मचल जाएगा।
पास आने की सोचो मेरे हमनशीं,
कोई रिश्ता भी बेशक निकल आएगा।
गिर के उठने पे मत कर गिला नासमझ,
एक दिन गिरते गिरते सॅंभल जाएगा।
प्रेम से बस मे कर लेंगे सारा जहां,
एक दिन जादू प्रेमी का चल जाएगा।
…….✍️ प्रेमी