तनहा विचार
कभी जीने का कभी मरने का बहाना
ये कल था हमारा आज तुम्हारा है जमाना ।
खालीपन मे तजुर्बे के सफेद बाल रगंना
कल हमारी बंदिश थे आज तुम्हारी बंदिश है कंगना ।
वक्त की सुई एक छोटी एक बड़ी
कल हम दौड़ते थे इनपर आज तुमको है जमना ।
तनहा शायर हूँ-यश