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26 Feb 2024 · 1 min read

तकलीफ ना होगी मरने मे

मै कर्म जो ऐसे करता हूं, यह कर्म ही मेरे कल होंगे
जीवन तो यह बीत रहा, तकलीफ ना होगी मरने मे

मै धोखा फरेब अपनो संग, कभी नहीं कर सकता हुँ
मात-पिता के चरणों से, तकलीफ ना होगी सपने में
घमंड नहीं है अपनों पर, विश्वास में उन पर करता हूंँ
जीवन तो यह बीत रहा, तकलीफ ना होगी मरने मे

आज हम ने बोया होगा, कल वही तो फल काटेंगे
हम रिश्तों की मर्यादा रखेगे, सम्मान करेंगे अपनों में
बड़े बुजुर्गो व गुरुवार का, सम्मान सदा में करता हूँ
जीवन तो यह बीत रहा, तकलीफ ना होगी मरने मे

व्यर्थ ही उलझे पड़े हैं, हम संसारी भोग की खेलों में
आज तेरा कल वह मेरा, बस यही मिलेगा अपनों में
जब कर्म ही मेरे कल होंगे, मै कर्म क्यो ऐसे करता हूंँ
जीवन तो युही बीत गया, तकलीफ ना होगी मरने मे

लीलाधर चौबिसा (अनिल)
चित्तौड़गढ़ 9829246588

Language: Hindi
142 Views
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