डोरी बाँधे प्रीति की, मन में भर विश्वास ।
डोरी बाँधे प्रीति की, मन में भर विश्वास ।
भाई से करती बहन ,जब रक्षा की आस ॥
जब रक्षा की आस ,करे बस स्नेही आशा ।
है राखी की ख़ास , यहीं स्नेहिल परिभाषा ॥
माथे टीका लाज, कभी हो भाग न चोरी ।
मधुर मिठाई साथ, हाथ में राखी डोरी ॥