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28 Apr 2022 · 1 min read

*डॉक्टर (गीतिका )*

डॉक्टर (गीतिका )
■■■■■■■■■■■■■■◆■■
(1)
डॉक्टरों को भी इंसान समझो जरा
यह नहीं हों परेशान समझो जरा
(2)
डॉक्टरों पर हैं हमले बहुत ही गलत
इनकी कायम हो मुस्कान समझो जरा
(3)
इनके हाथों में जादू-छड़ी तो नहीं
फिर भी जादू की हैं खान समझो जरा
(4)
लड़ के यह मौत से जिंदगी दे गए
काम मत इनका आसान समझो जरा
(5)
यह किसी भी न साँचे में ढाले गए
सिर्फ कुदरत का वरदान समझो जरा
(6)
रात-दिन सेवा के काम में यह जुटे
छोड़ कर सारे अरमान समझो जरा
(7)
यह नहीं हों तो दुनिया का क्या हाल हो
इनकी कीमत का अनुमान समझो जरा
(8)
स्वर्ग-सी है धरा इनके ही काम से
वरना दुनिया है शमशान समझो जरा
(9)
रोज रोते हुओं को हँसाते हैं यह
इनका यह एक अभियान समझो जरा
(10)
डर गए और बच्चे न डॉक्टर बने
सोचो परिणाम नादान समझो जरा
—————————————————-
रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

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