Dr Arun Kumar shastri
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/24b106049c519fc096daace789e66c8c_5a1d1bfd968dcd857aaebd483b6513a6_600.jpg)
Dr Arun Kumar shastri
जिस तरह माइनस और प्लस किसी भी बैटरी के दो मुख्य ध्रुव होते हैं, यदि ये लगातार सम्पर्क में रहें तो बैटरी का सतत शरण होता रहता है।
ठीक उसी तरह मानवीय बिंदुओं को समझना चाहिए।
यदि नर और नारी परस्पर सम्पर्क में रहेंगे तो उनकी बैटरी का भी शरण अर्थात ऊर्जा का क्षय होना तय है।