डाल-डाल तुम हो कर आओ
अपनी बेबाकी के कारण, नहीं जगत को भाता हूँ।
जबतक ताल मिलाए कोई, बस तबतक ही गाता हूँ।
अपने जीवन-गाथा का है, गीत और संगीत यही।
डाल-डाल तुम होकर आओ, पात-पात मैं आता हूँ।।
अपनी बेबाकी के कारण, नहीं जगत को भाता हूँ।
जबतक ताल मिलाए कोई, बस तबतक ही गाता हूँ।
अपने जीवन-गाथा का है, गीत और संगीत यही।
डाल-डाल तुम होकर आओ, पात-पात मैं आता हूँ।।