ठग जिंदगी
ठग जिंदगी
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लो जिंदगी ने
फिर से मुझे
ठग लिया
झूठ बोल कर
ले गई सारी
ख़ुशियों कि
लौटा दूंगी सारी
ख़ुशियाँ कुछ
समय के बाद
और भी हैं
दुखी तुम ही
केवल नहीं
हो दुखी
वजह सबकी
अपनी अपनी रही
मेरे पास
शेष नहीं कुछ
फिर भी
यदि चाहो तो
इस तुत्छ को
ठग जिंदगी
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राजेश’ललित