टूटा तारा
टूटा तारा:
आज एक और तारा टूटा
कितनी सारी बातें
मन को झिंझोड़ गईं
कोई हसरत पूरी हुई
किसी का जन्म हुआ
या फिर…..
एक तारा आकाश का
कम हो गया….
दादी कहती थीं
तारा टूटे तो मन में
कुछ मांग लो
कोई मन्नत
कोई चाहत
यह तो पता नहीं
मन चाही हसरत
पूरी हुई या नही
पर मन में, ललक बनी रही
मन मुस्कुराता रहा ‘
आकाश में मैं कोई अपना
खोजती रही
कुछ अपनों की जगह
तय करती रही
और हर रोज तारों में
अपनों को निहारती रही
अपनेपन की सपने बुनते
तारों के मन भावने रिश्ते गढ़ती
मन मन में प्यार करती
तारों के साथ रोमांस
यह भी तारों के खेल में
नया दौर जल निकला.
डॉ. करुणा भल्ला