टूटता तारा
जो तारा टूट रहा होता है
चमक भी उसी में होती है।
जो शख़्स मर रहा होता है
जीने की सबसे ज्यादा ललक भी उसी में होती है।
जो खिलाड़ी मैदान में हार रहा होता है,
जीतने का प्रयास उससे अधिक किसी ने नहीं किया होता।
जिस इंसान ने जिंदगी में सब कुछ हारा हो,
उससे अधिक संयमित स्तर का व्यक्तित्व किसी का नहीं होता।
जिसने ठोकरों का स्वाद न चखा हो,
उसे सफलता की मिठास रखने का कोई हक नहीं होता।
जब तुम्हारा सर्वस्व दांव पर होगा,
तब तुम अपने शीर्ष पर होवोगे।
मेहनत करी, हिम्मत बांधी, संयम रखा तो तैर जाओगे,
अन्यथा डुबने पश्चात् तो मेरे पास आना ही है।।