द्वीप – एक छोटी सी दुनिया
ये भी एक अजूबा होता है धरती पर
समुद्र के बीच भी बसेरा है धरती पर
ये तो दुनिया दूसरी लगती है धरती पर
जहां छोटा सा संसार बसता है धरती पर।।
देखकर लगता है ईश्वर ने प्रकृति पर
सुंदरता की छटा बिखेर दी है द्वीप बनाकर
समुद्र के बीच ऐसे खड़े है जैसे हो कोई संत
जो तपस्या कर रहा हो समाधि लगाकर ।।
ज़िन्दगी रोमांचित करती है यहां
ऐसी विविधता मिलेगी फिर कहां
रेत है, आती है ऊंची लहरे तट पर
जीवन है और घने वन भी है यहां।।
कहीं मिलेगी दुर्लभ जनजातियां
दिख जाएगा वन्य जीवन भी
ज्वालामुखी भी होते है यहां पर
समुद्र में तैरते छोटे बड़े जहाज़ भी।।
समुद्र में जाएं थोड़ा गहराई में
तो देख कर ऐसा लगता है यहां
पहाड़, वन और लाखों किस्म के जीव
मानो नई दुनिया के दर्शन दे रहे यहां।।
समुद्र तट की हो हसीं शाम
हर रोज़ जो छलकाती है जाम
सब परेशानियों को छोड़कर
सुकून देता है ज़िन्दगी को नाम।।
सपने तो पलते है यहां पर भी
लोगों को उम्मीदें है यहां पर भी
दिल तो धड़कते है यहां पर भी
जवां दिलों की चाहत को पाने की
तम्मना पूरी होती है यहां पर ही।।