Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Oct 2022 · 1 min read

झूठे मुकदमे

वे चाहते हैं कि भीतर तक
हमें इतना तोड़ दें!
कि ज़ुल्म के ख़िलाफ़ हम
बोलना ही छोड़ दें!!
हमें देश-द्रोह जैसे झूठे
मुकदमों में फंसाकर!
हमारी पूरी ताक़त
हमेशा के लिए निचोड़ दें!!
Shekhar Chandra Mitra
#tribes #न्याय #उत्पीड़न #मानवाधिकार
#discrimination #जाति #दलित
#SupremeCourt #uno #justice
#ReleaseAllPoliticalPrisoners

Language: Hindi
289 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"गौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
Being with and believe with, are two pillars of relationships
Being with and believe with, are two pillars of relationships
Sanjay ' शून्य'
जीवन को सफल बनाने का तीन सूत्र : श्रम, लगन और त्याग ।
जीवन को सफल बनाने का तीन सूत्र : श्रम, लगन और त्याग ।
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जिस मीडिया को जनता के लिए मोमबत्ती बनना चाहिए था, आज वह सत्त
जिस मीडिया को जनता के लिए मोमबत्ती बनना चाहिए था, आज वह सत्त
शेखर सिंह
हिंदी दिवस पर विशेष
हिंदी दिवस पर विशेष
Akash Yadav
सफ़ारी सूट
सफ़ारी सूट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पग न अब पीछे मुड़ेंगे...
पग न अब पीछे मुड़ेंगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुस्कुरायें तो
मुस्कुरायें तो
sushil sarna
पत्र
पत्र
लक्ष्मी सिंह
ग़ज़ल/नज़्म - उसके सारे जज़्बात मद्देनजर रखे
ग़ज़ल/नज़्म - उसके सारे जज़्बात मद्देनजर रखे
अनिल कुमार
■ जयंती पर नमन्
■ जयंती पर नमन्
*Author प्रणय प्रभात*
जादू था या तिलिस्म था तेरी निगाह में,
जादू था या तिलिस्म था तेरी निगाह में,
Shweta Soni
ख्याल........
ख्याल........
Naushaba Suriya
(6) सूने मंदिर के दीपक की लौ
(6) सूने मंदिर के दीपक की लौ
Kishore Nigam
सर्वप्रथम पिया से रँग लगवाउंगी
सर्वप्रथम पिया से रँग लगवाउंगी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*परिचय*
*परिचय*
Pratibha Pandey
//एक सवाल//
//एक सवाल//
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
आखों में नमी की कमी नहीं
आखों में नमी की कमी नहीं
goutam shaw
पेड़ पौधों के बिना ताजी हवा ढूंढेंगे लोग।
पेड़ पौधों के बिना ताजी हवा ढूंढेंगे लोग।
सत्य कुमार प्रेमी
प्रकृति की ओर
प्रकृति की ओर
जगदीश लववंशी
सब गुण संपन्य छी मुदा बहिर बनि अपने तालें नचैत छी  !
सब गुण संपन्य छी मुदा बहिर बनि अपने तालें नचैत छी !
DrLakshman Jha Parimal
किसी पर हक हो ना हो
किसी पर हक हो ना हो
shabina. Naaz
शब्द ब्रह्म अर्पित करूं
शब्द ब्रह्म अर्पित करूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
" पलास "
Pushpraj Anant
from under tony's bed - I think she must be traveling
from under tony's bed - I think she must be traveling
Desert fellow Rakesh
हृदय के राम
हृदय के राम
Er. Sanjay Shrivastava
🫡💯मेरी competition शायरी💯🫡
🫡💯मेरी competition शायरी💯🫡
Ms.Ankit Halke jha
*खो दिया सुख चैन तेरी चाह मे*
*खो दिया सुख चैन तेरी चाह मे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जरूरी नहीं जिसका चेहरा खूबसूरत हो
जरूरी नहीं जिसका चेहरा खूबसूरत हो
Ranjeet kumar patre
अहंकार
अहंकार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...