जो हार नहीं मानते कभी, जो होते कभी हताश नहीं
जो हार नहीं मानते कभी, जो होते कभी हताश नहीं
मंजिल उनको ही मिलती है जो करते बन्द प्रयास नहीं
जो हार मान लेते मन में, जिनका प्रयास रुक जाता है
वे हतभागी कर सकते हैं जीवन में कभी विकास नहीं ।
— महेशचन्द्र त्रिपाठी