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15 May 2023 · 1 min read

–जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है –

कलियुग का इंसान
बहुत बड़ा है हैवान
लालच से है भरपूर
इसीलिए रहता सब से दूर !!

जो मिला है उस को रब से
उस में नही करता है सब्र
खुद ही फिर खोद लेता है
अपने कर्मो से अपनी कब्र !!

शुक्र मनाना नही जानता
अपने आगे किसी को नही मानता
सब कुछ हो जाए मेरा मेरा
बस इस से बढ़कर वो नही जानता !!

तभी तो भरे पड़े हैं अस्पताल
वहीँ जाकर करता है सब भुगतान
घर का बैर, जब बन जाए तूफ़ान
यह लालची तभी पहुँच जाता शमशान !!

मेरा मेरा कब तक करेगा
जो मिला उस में सब्र कब करेगा
मत पड़ ज्यादा हाय हाय में बन्दे
वरना खाट पर पड़ा मिलेगा बेजान !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
68 Views
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