*जो जानता है चलना वो चलता है*
हर एक शख़्स जानना चाहता है,
ज़िंदगी कब तक चलेगी,
क्या चलेंगी ?
जब तक उसका मन चाहता है,
या फिर टूटा हुआ तन चाहता है,
हर एक शख़्स चाहता है,
उसकी ज़िंदगी तो चलेंगी,
एक सपना देख कर,
भलें ही सपना कभी पूरा न हो,
या कोई सपना अधूरा भी न हो।
सबसे ज्यादा शख़्स ऐसे ही होंगे,
जो कामयाब ज़िंदगी चाहते है,
और इस संसार में आसान नहीं है
ज़िंदगी का कामयाब होना,
फिर भी लड़ रहे है रात दिन,
मंजूर है नकामयाब और कामयाब होना।
हर एक शख़्स अपनी जिंदगी का,
अच्छा बुरा हाल लेकर चलता है,
कोई आंसू बहाता,
कोई मुस्कुराता चलता है,
जो जानता है चलना वो चलता है,
रो कर,गा कर,
चार निवाले खा कर।।@निल