Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Oct 2022 · 1 min read

*जो जानता है चलना वो चलता है*

हर एक शख़्स जानना चाहता है,
ज़िंदगी कब तक चलेगी,
क्या चलेंगी ?
जब तक उसका मन चाहता है,
या फिर टूटा हुआ तन चाहता है,

हर एक शख़्स चाहता है,
उसकी ज़िंदगी तो चलेंगी,
एक सपना देख कर,
भलें ही सपना कभी पूरा न हो,
या कोई सपना अधूरा भी न हो।

सबसे ज्यादा शख़्स ऐसे ही होंगे,
जो कामयाब ज़िंदगी चाहते है,
और इस संसार में आसान नहीं है
ज़िंदगी का कामयाब होना,
फिर भी लड़ रहे है रात दिन,
मंजूर है नकामयाब और कामयाब होना।

हर एक शख़्स अपनी जिंदगी का,
अच्छा बुरा हाल लेकर चलता है,
कोई आंसू बहाता,
कोई मुस्कुराता चलता है,
जो जानता है चलना वो चलता है,
रो कर,गा कर,
चार निवाले खा कर।।@निल

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 156 Views

You may also like these posts

मै पत्नी के प्रेम में रहता हूं
मै पत्नी के प्रेम में रहता हूं
भरत कुमार सोलंकी
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
मोह माया का !
मोह माया का !
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कभी-कभी
कभी-कभी
Shweta Soni
नव वर्ष गीत
नव वर्ष गीत
Dr. Rajeev Jain
कल है हमारा
कल है हमारा
singh kunwar sarvendra vikram
महाप्रयाण
महाप्रयाण
Shyam Sundar Subramanian
बदलता साल
बदलता साल
डॉ. शिव लहरी
वह मुझसे ख़ुश रहती है
वह मुझसे ख़ुश रहती है
कुमार अविनाश 'केसर'
परिस्थितियां ही जीवन का परिमाप हैं.
परिस्थितियां ही जीवन का परिमाप हैं.
Satyakam Gupta
स्मृतियाँ
स्मृतियाँ
Dr. Upasana Pandey
बघेली कविता -
बघेली कविता -
Priyanshu Kushwaha
हार नहीं, हौसले की जीत
हार नहीं, हौसले की जीत
पूर्वार्थ
-अपने व उनका अपनापन -
-अपने व उनका अपनापन -
bharat gehlot
भजन -मात भवानी- रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
भजन -मात भवानी- रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
3790.💐 *पूर्णिका* 💐
3790.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
देख भाई, ये जिंदगी भी एक न एक दिन हमारा इम्तिहान लेती है ,
देख भाई, ये जिंदगी भी एक न एक दिन हमारा इम्तिहान लेती है ,
Dr. Man Mohan Krishna
वो कैसा दौर था,ये कैसा दौर है
वो कैसा दौर था,ये कैसा दौर है
Keshav kishor Kumar
ख्वाब रूठे हैं मगर हौसले अभी जिंदा है हम तो वो शख्स हैं जिसस
ख्वाब रूठे हैं मगर हौसले अभी जिंदा है हम तो वो शख्स हैं जिसस
ललकार भारद्वाज
हो रही है भोर अनुपम देखिए।
हो रही है भोर अनुपम देखिए।
surenderpal vaidya
ममत्व की माँ
ममत्व की माँ
Raju Gajbhiye
*खो गया  है प्यार,पर कोई गिला नहीं*
*खो गया है प्यार,पर कोई गिला नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ਕਿਸਾਨੀ ਸੰਘਰਸ਼
ਕਿਸਾਨੀ ਸੰਘਰਸ਼
Surinder blackpen
*समझो मिट्टी यह जगत, यह संसार असार 【कुंडलिया】*
*समझो मिट्टी यह जगत, यह संसार असार 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
🥀 *अज्ञानी की कलम* 🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम* 🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शिक्षक जो न होते
शिक्षक जो न होते
Sudhir srivastava
गोपाल हूं मैं, काल भी
गोपाल हूं मैं, काल भी
Saransh Singh 'Priyam'
रानी लक्ष्मीबाई का मेरे स्वप्न में आकर मुझे राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करना ......(निबंध) सर्वाधिकार सुरक्षित
रानी लक्ष्मीबाई का मेरे स्वप्न में आकर मुझे राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करना ......(निबंध) सर्वाधिकार सुरक्षित
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
तन्हाई में अपनी परछाई से भी डर लगता है,
तन्हाई में अपनी परछाई से भी डर लगता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...